बिहार सरकार ने शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बेहतरीन योजना शुरू की है – “छत पर बागवानी योजना”। इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में घर की छत पर फल, फूल और सब्जी उगाने को बढ़ावा देना है। अगर आप भी बागवानी के शौकीन हैं और अपने घर की छत पर कुछ हरियाली लाना चाहते हैं, तो ये योजना आपके लिए एकदम परफेक्ट है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से –
छत पर बागवानी योजना क्या है?
छत पर बागवानी योजना बिहार सरकार की एक पहल है जिसके तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी छत पर फल, सब्जी और फूल उगा सकते हैं। इस योजना का मुख्य लक्ष्य लोगों को ताजी और जैविक सब्जियां उपलब्ध कराना है। साथ ही, इससे शहरों में हरियाली भी बढ़ेगी और प्रदूषण कम होगा।
इस योजना के तहत सरकार लोगों को छत पर बागवानी करने के लिए 75% तक की सब्सिडी दे रही है। यानी अगर आप इस योजना के तहत बागवानी शुरू करते हैं, तो आपको कुल लागत का सिर्फ 25% ही खर्च करना होगा, बाकी 75% सब्सिडी के रूप में सरकार देगी।
योजना का लाभ कौन ले सकता है?
इस योजना का लाभ फ़िलहाल पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग ले सकते हैं। इसके लिए निम्न शर्तें पूरी होनी चाहिए:
- आवेदक के पास अपना मकान होना चाहिए या फिर अपार्टमेंट में फ्लैट होना चाहिए।
- छत पर कम से कम 300 वर्ग फीट की खाली जगह होनी चाहिए जो किसी भी तरह के अवरोध से मुक्त हो।
- अपार्टमेंट की स्थिति में, अपार्टमेंट सोसाइटी से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होगा।
इसके अलावा, सरकार ने इस योजना में सामाजिक समावेशन पर भी ध्यान दिया है। इसके तहत:
- सामान्य जाति के लोगों को 78.60%
- अनुसूचित जाति के लोगों को 20%
- अनुसूचित जनजाति के लोगों को 1.40%
की भागीदारी दी जाएगी। साथ ही महिलाओं को भी 30% आरक्षण मिलेगा।
योजना के तहत क्या-क्या मिलेगा?
इस योजना के तहत आपको छत पर बागवानी शुरू करने के लिए सभी जरूरी चीजें मिलेंगी जैसे:
- गमले और उनमें मिट्टी भरने के लिए अच्छी क्वालिटी की मिट्टी
- विभिन्न प्रकार के फल, सब्जी और फूलों के बीज और पौधे
- पानी देने के लिए पाइप और स्प्रिंकलर
- खाद और उर्वरक
- कीटनाशक और अन्य देखभाल के उपकरण
इसके अलावा आपको बागवानी के तरीकों की जानकारी और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि आप अपनी छत की बागवानी को सही तरीके से मेंटेन कर सकें।
योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलेगी?
छत पर बागवानी योजना के तहत आपको कुल लागत पर 75% तक की सब्सिडी मिलेगी। योजना के तहत दो तरह के मॉडल हैं:
1. फार्मिंग बेड मॉडल
- इस मॉडल में छत पर 300 वर्ग फीट की जगह पर बागवानी की जाती है।
- इसकी कुल लागत 50,000 रुपये है जिसमें से 37,500 रुपये (75%) सब्सिडी के रूप में सरकार देगी।
- बाकी 12,500 रुपये (25%) लाभार्थी को देने होंगे।
- एक निजी आवास के लिए अधिकतम 2 इकाइयों तक और अपार्टमेंट के लिए 5 इकाइयों तक का लाभ मिल सकता है।
2. गमला मॉडल
- इस मॉडल में गमलों में पौधे लगाए जाते हैं।
- इसकी प्रति इकाई लागत 10,000 रुपये है जिसमें से 7,500 रुपये (75%) सब्सिडी के रूप में मिलेंगे।
- बाकी 2,500 रुपये (25%) लाभार्थी को देने होंगे।
- इस मॉडल में 30 गमलों तक का सेट मिलता है जिसमें विभिन्न प्रकार के फल, सब्जी, फूल और औषधीय पौधे शामिल होते हैं।
योजना के लिए कैसे आवेदन करें?
छत पर बागवानी योजना के लिए आवेदन करना बहुत आसान है। आप इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन:
- सबसे पहले उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर जाएं।
- होम पेज पर “छत पर बागवानी योजना” के लिंक पर क्लिक करें।
- एक नया पेज खुलेगा जहां आपको अपना आवेदन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी सही-सही भरें।
- सभी विवरण भरने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- आपका ऑनलाइन आवेदन सफलतापूर्वक जमा हो जाएगा।
ऑफलाइन आवेदन:
- अपने नजदीकी कृषि या उद्यान विभाग के कार्यालय में जाएं।
- वहां आपको छत पर बागवानी योजना का आवेदन फॉर्म मिल जाएगा।
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी ध्यान से भरें।
- जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पहचान पत्र आदि की फोटोकॉपी लगाएं।
- पूरा भरा हुआ फॉर्म संबंधित अधिकारी को जमा करा दें।
आवेदन करने के बाद आपको एक पावती मिलेगी जिस पर आपके बैंक खाते का विवरण भरना होगा। इस खाते में आपको अपना 25% अंशदान जमा करना होगा। अंशदान जमा होने के बाद ही आपका आवेदन मंजूर होगा और आपको योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
योजना के फायदे
छत पर बागवानी योजना के कई फायदे हैं जो इस प्रकार हैं:
- ताजी और जैविक सब्जियां: इस योजना से आप अपनी छत पर ताजी और जैविक सब्जियां उगा सकते हैं। इससे आपको पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक भोजन मिलेगा।
- पैसों की बचत: बाजार से सब्जियां खरीदने में काफी पैसे खर्च होते हैं। अपनी छत पर सब्जियां उगाकर आप इन पैसों की बचत कर सकते हैं।
- मानसिक शांति: बागवानी करने से तनाव दूर होता है और मानसिक शांति मिलती है। आप अपने घर में ही प्रकृति के साथ कुछ पल बिता सकते हैं।
- पर्यावरण संरक्षण: छत पर बागवानी से वातावरण में हरियाली बढ़ती है जिससे प्रदूषण कम होता है। साथ ही इससे शहर का तापमान भी कम रहता है।
- बच्चों के लिए सीखने का अवसर: बच्चों को बागवानी के जरिए पौधों और प्रकृति के बारे में जानने का मौका मिलता है। ये उनके सर्वांगीण विकास में मददगार होता है।
योजना से जुड़े कुछ सवाल
1. क्या मैं अपनी छत पर पहले से ही बागवानी कर रहा हूं तो क्या मुझे भी इस योजना का लाभ मिल सकता है?
जी हां, अगर आप पहले से ही अपनी छत पर बागवानी कर रहे हैं तो भी आप इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको ये साबित करना होगा कि आपने बागवानी शुरू कर दी है।
2. क्या मेरे पास छत पर 300 वर्ग फीट से कम जगह है तो क्या मैं इस योजना का लाभ ले सकता हूं?
अगर आपके पास 300 वर्ग फीट से कम जगह है तो आप फार्मिंग बेड मॉडल के बजाय गमला मॉडल के लिए आवेदन कर सकते हैं। गमला मॉडल के लिए कम जगह की जरूरत होती है।
3. मुझे बागवानी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्या मैं फिर भी इस योजना का लाभ ले सकता हूं?
बिल्कुल। इस योजना में आपको बागवानी से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। आपको बस बागवानी में रुचि होनी चाहिए, बाकी सब कुछ योजना के तहत मिल जाएगा।
4. मैं एक किराएदार हूं। क्या मैं भी इस योजना के लिए आवेदन कर सकता हूं?
जी नहीं। फिलहाल ये योजना सिर्फ मकान या फ्लैट के मालिकों के लिए ही है। हालांकि अगर आपके मकान मालिक इसकी अनुमति दें तो आप उनके साथ मिलकर आवेदन कर सकते हैं।