क्या आप अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं और साथ ही टैक्स भी बचाना चाहते हैं? तो आज हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिससे आप अपनी पत्नी के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) करके दोगुना फायदा उठा सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं और साथ ही इनकम टैक्स भी बचा सकते हैं।
एफडी क्या है और इसके फायदे
फिक्स्ड डिपॉजिट एक सुरक्षित निवेश विकल्प है जहां आप एक निश्चित राशि को एक तय समय के लिए जमा करते हैं। इस पर आपको नियमित ब्याज मिलता है। एफडी के कुछ प्रमुख फायदे हैं:
- गारंटीड रिटर्न
- कम जोखिम
- लचीली अवधि
- आसान निवेश प्रक्रिया
पत्नी के नाम पर एफडी करने के फायदे
अब आइए जानते हैं कि अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करने से आपको क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं:
- दोगुना टैक्स लाभ: अगर आप और आपकी पत्नी दोनों अलग-अलग एफडी करते हैं, तो आप दोनों सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इस तरह आप कुल 3 लाख रुपये तक का टैक्स लाभ ले सकते हैं[1][2]।
- ज्यादा ब्याज कमाई: अगर आपकी पत्नी काम नहीं करती हैं या कम आय वर्ग में आती हैं, तो उनके नाम पर एफडी करने से ब्याज पर कम टैक्स लगेगा। इससे आपकी कुल कमाई बढ़ जाएगी[3]।
- रिस्क का बंटवारा: अलग-अलग एफडी करने से आप अपने निवेश को विभाजित कर सकते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है।
- बेहतर वित्तीय प्लानिंग: पति-पत्नी दोनों के नाम पर एफडी करने से आप अपने परिवार की वित्तीय योजना बेहतर तरीके से बना सकते हैं।
टैक्स सेविंग एफडी की विशेषताएं
टैक्स सेविंग एफडी की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
- लॉक-इन अवधि: इन एफडी में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है। इस दौरान आप पैसे नहीं निकाल सकते[4]।
- न्यूनतम निवेश: आमतौर पर 100 रुपये से शुरू होकर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं[5]।
- ब्याज दरें: टैक्स सेविंग एफडी पर ब्याज दरें सामान्य एफडी से थोड़ी ज्यादा होती हैं। ये दरें बैंक के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं[6]।
- टैक्स लाभ: सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है[1][2]।
कैसे करें पत्नी के नाम पर एफडी
अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करने के लिए आप इन आसान स्टेप्स का पालन कर सकते हैं:
- अपने बैंक की वेबसाइट पर जाएं या बैंक शाखा में जाएं।
- एफडी खाता खोलने का फॉर्म भरें।
- अपनी पत्नी के नाम और विवरण का उपयोग करें।
- जरूरी दस्तावेज जमा करें जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि।
- निवेश राशि और अवधि चुनें।
- फॉर्म जमा करें और एफडी खाता खुलवाएं।
ध्यान देने योग्य बातें
पत्नी के नाम पर एफडी करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है:
- अगर आप ज्वाइंट एफडी करते हैं, तो टैक्स लाभ सिर्फ पहले खाताधारक को ही मिलेगा[4]।
- एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है। इसे आपकी आय में जोड़ा जाएगा और आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा[3]।
- अगर एक वित्तीय वर्ष में सभी एफडी से मिलने वाला कुल ब्याज 40,000 रुपये से ज्यादा होता है, तो बैंक TDS काटेगा[6]।
- सीनियर सिटीजन्स को एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलता है। अगर आपकी पत्नी 60 साल से ज्यादा उम्र की हैं, तो उन्हें यह अतिरिक्त लाभ मिल सकता है[6]।
पति-पत्नी के नाम पर अलग-अलग एफडी करना एक स्मार्ट वित्तीय रणनीति हो सकती है। इससे आप न सिर्फ ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी बचत को भी बढ़ा सकते हैं। सही तरीके से किया गया निवेश आपके वित्तीय भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बना सकता है। तो देर किस बात की? आज ही अपनी पत्नी के नाम पर एफडी करके अपने परिवार के वित्तीय भविष्य को मजबूत बनाएं।