मुस्तार्ड की खेती में अंकुरण की समस्या से बचने के लिए किसान अपनाएं ये 5 उपाय

मुस्तार्ड की खेती में अंकुरण की समस्या से बचने के लिए किसान अपनाएं ये 5 उपाय

सर्दियों का मौसम आते ही किसान मुस्तार्ड (सरसों) की बुवाई की तैयारी में जुट जाते हैं। लेकिन कई बार अंकुरण की समस्या से फसल को नुकसान होता है। इस समस्या से बचने के लिए किसानों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं वो 5 उपाय जो किसानों को अपनाने चाहिए:

1. सही समय पर बुवाई करें

मुस्तार्ड की बुवाई का सबसे अच्छा समय 10 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच होता है। इस दौरान तापमान 32°C से कम रहता है, जो बीज के अंकुरण के लिए सही होता है। अगर तापमान ज्यादा हो तो बुवाई टाल दें। सही समय पर बुवाई करने से बीज को अंकुरित होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिलती हैं।

2. मिट्टी की नमी का ध्यान रखें

बुवाई से पहले खेत में पर्याप्त नमी होना जरूरी है। अगर मिट्टी में नमी कम हो तो बुवाई से पहले सिंचाई कर लें। नमी की कमी होने पर बीज सूख सकते हैं और अंकुरण नहीं हो पाता। ज्यादा नमी भी नुकसान कर सकती है, इसलिए संतुलित नमी बनाए रखें।

3. बीज का उपचार करें

बुवाई से पहले बीजों का उपचार करना बहुत जरूरी है। इससे कई बीमारियों से बचाव होता है। बीजों को कैप्टन नामक दवा से 2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। इससे सफेद रतुआ और डाउनी मिल्ड्यू जैसी बीमारियों से बचाव होता है। बीज उपचार से अंकुरण की समस्या कम होती है।

4. सही गहराई पर बोएं

मुस्तार्ड के बीज को ज्यादा गहरा नहीं बोना चाहिए। बीज को जमीन में अधिकतम 6 सेमी की गहराई पर ही बोएं। इससे ज्यादा गहरा बोने पर अंकुरण में समस्या हो सकती है। बीज को सही गहराई पर बोने से वह आसानी से अंकुरित हो जाता है।

5. खेत की अच्छी तैयारी करें

बुवाई से पहले खेत की अच्छी तैयारी करना जरूरी है। खेत को खरपतवार और कचरे से साफ करें। मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए 1-2 बार जुताई और 2 बार हैरो चलाएं। इससे बीज के लिए अच्छा बीज-बेड तैयार होता है। अच्छी तरह तैयार खेत में बीज को अंकुरित होने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है।

इन उपायों के अलावा किसानों को कुछ और बातों का भी ध्यान रखना चाहिए:

  • अच्छी किस्म के बीज का इस्तेमाल करें। पूसा विजय, पूसा सरसों-29, पूसा सरसों-30 जैसी किस्में अच्छी मानी जाती हैं।
  • बीज की मात्रा 1.5-2 किलो प्रति एकड़ रखें।
  • लाइन में बुवाई करें। इससे पौधों को सही जगह मिलती है।
  • बुवाई के बाद हल्की सिंचाई करें। इससे अंकुरण में मदद मिलती है।
  • अंकुरण के बाद 2 हफ्ते में पतली करें। इससे पौधों को बढ़ने की जगह मिलती है।
  • खेत में जल निकासी का अच्छा प्रबंध करें। पानी भरने से अंकुरण प्रभावित होता है।
  • मौसम का ध्यान रखें। गर्म मौसम में बुवाई टाल दें।
  • मिट्टी की जांच करवाएं और उसी हिसाब से खाद-उर्वरक का प्रयोग करें।

इन सभी बातों का ध्यान रखकर किसान मुस्तार्ड की खेती में अंकुरण की समस्या से बच सकते हैं। अच्छे अंकुरण से फसल की अच्छी शुरुआत होती है, जिससे उपज भी बढ़िया होती है। किसान भाई इन उपायों को अपनाकर अपनी मेहनत का बेहतर फल पा सकते हैं।

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